चौथी दुनिया पढ़िए, फैसला कीजिए

बुधवार, 28 जनवरी 2009

चौथी दुनिया के बारे में एक पाठक की दो कविताएं

(१)
चौथी दुनिया पढ़ो, फैसला फिर कर लेना
पत्रकारिता का सिरमौर, काम संदेशा देना
एक वर्ष में कुल बावन अखबार मिलेंगे
पढ़कर शुभ संदेश देश के सुजन खिलेंगे
महिला, मंडल, राजनीति, बच्चों की दुनिया
खेल, सिनेमा, अर्थ-जगत पढ़ चौथी दुनिया

(२)
चौथी दुनिया देखकर उठी मन में हिलोर
देश विदेश संदेश है, मिला न ऐसा और
मिला न ऐसा और वीकली पत्र निराला
साप्ताहिक सिरमौर कभी था जो मतवाला
पढ़कर यह अखबार बने कवि हम निरगुनिया
पत्रकारिता में है आगे चौथी दुनिया
शिवअवतार "सरस" मुरादाबाद