राहुल मिश्र
परमाणु डील पर भारत और अमेरिका के बीच चल रहे रगबी खेल में भारत को एक बार फिर से मुंह की खानी पड़ी. भारत सरकार को इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) में ईरान के ख़िला़फ अपना वोट दर्ज़ कराना पड़ा. अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा से लौटते व़क्त प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन की ओर से एक सा़फ हिदायत दी गई. यह हिदायत अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेम्स जोंस ने भारत सरकार को सुझाव के तौर पर दी. जोंस ने अपने सुझाव में कहा कि भारत को ईरान के परमाणु कार्यक्रम मामले में अपना रु़ख सा़फ करना चाहिए, क्योंकि ईरान पर भारत का दृष्टिकोण यह तय करेगा कि अप्रैल 2010 में राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी भारत यात्रा के दौरान परमाणु डील पर क्या सौगात परोसने वाले हैं....
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