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गुरुवार, 11 जून 2009

अगले सौ दिनों में क्या-क्या करेगी मनमोहन सरकार

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अगले सौ दिनों के अपने एजेंडे का ऐलान कर दिया है. इससे वह जताना चाहते हैं कि वादों को पूरा करने में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी. वह अपनी सरकार को और क्षमतावान, असरदार और तेज़ बनाने की कोशिश में हैं. इसलिए हर तीन महीने के बाद मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा करने का भी ़फैसला लिया गया है. सरकार ने यह साफ कर दिया है कि आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करना, अर्थव्यवस्था में तेज़ी से सुधार लाना और रोज़गार के मौके बढ़ाना ही इस बार की प्राथमिकता होगी. मनमोहन सिंह सरकार ने 100 दिनों के लक्ष्य की घोषणा करके यह साबित किया है कि पिछली बार की तरह वह इस बार एक जवाबदेह सरकार देने की प्रयास कर रहे हैं.
केंद्र सरकार का सबसे पहला फैसला महिला आरक्षण को लेकर है. राष्ट्रपति के अभिभाषण के ज़रिए सरकार ने साफ कर दिया है कि 100 दिनों में संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण की दिशा में क़दम उठाया जाएगा. केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए संगठित प्रयास किए जाएंगे. महिला केंद्रित कार्यक्रमों को मिशन के रूप में लागू करने के लिए सशक्तीकरण पर राष्ट्रीय मिशन शुरू करने की योजना है. हालांकि लोकसभा में सरकार को शरद यादव ने पहला तब झटका दिया, जब उन्होंने यह धमकी दे दी कि अगर महिला आरक्षण बिल मौजूदा रूप में पारित किया गया तो वह ज़हर खा कर जान दे देंगे. सोचने वाली बात है कि उनकी ही पार्टी की सरकार ने बिहार में पंचायत स्तर पर महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने की शुरुआत की है. दरअसल शरद यादव महिला आरक्षण के ख़िला़फ नहीं हैं. उनकी आपत्ति इस बात को लेकर है कि मौजूदा स्वरूप में आरक्षण का फायदा स़िर्फ...
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