त्रिलोकपुरी में मौत का नंगा नाच
यहां डरावना सन्नाटा पसरा हुआ था. हवा भी मानो सहम कर चल रही थी. माहौल में मानो दहशत और डर घोल दिया गया था. इंदिरा गांधी की उनके एक अंगरक्षक ने हत्या कर दी, यह ख़बर देश के विभिन्न कोने में पहुंच चुकी थी. शाम पांच बजे तक त्रिलोक पुरी और पूर्वी दिल्ली के चारों ओर के इलाक़े में हलचल मची हुई थी, लेकिन 31 अक्तूबर 1984 की शाम को उस क्षेत्र में एक परिंदा भी पर नहीं मार सका. इस मध्यम वर्गीय क्षेत्र में सिखों की संख्या काफी अधिक थी. इनमें से अधिकतर छोटे-मोटे दुकानों के मालिक थे. जैसे ही ख़बर उन तक पहुंची, उन लोगों ने अपनी दुकान का शटर बंद कर अपने घर की ओर चल दिए. अफवाहें तेज़ी से फैलती रही. किसी ने कहा सिख उत्सव मना रहे थे तो किसी ने कहा कि सिखों ने लड्डू बांटें. इस तरह की अफवाहों का दौर चलता रहा. वास्तविकता कुछ और थी. सिख परिवारों के पुरुष, औरत और बच्चे घरों में बंद हो गए. कुछ

गुरुद्बारों में रहने चले गए. वह समुदाय भयभीत और तनावग्रस्त था. वयस्क शायद ही खाते थे और रात-रात भर जगते थे. जैसे ही सुबह का उजाला फूटा, कुछ ने ख़ुद को दिलासा देना शुरू कर दिया कि सबसे बुरा पल बीत चला है. आख़िरकार, रात किसी न किसी तरह बीत ही गई थी. पूरी रात में लूटपाट और दंगे की एकाध ही घटना हुई थी. अधिकतर सिखों को यह विश्वास था कि इस दुखद घटना के बाद भी दिल्ली शांत रहेगी, क्योंकि यह भारत की राजधानी है. पुलिस और प्रशासन 24 घंटे के अंदर स्थिति पर काबू पा सकता है. हालांकि, यह विश्वास झूठा ही साबित हुआ. दिल्ली में खूनी खेल की शुरुआत इंदिरा गांधी की हत्या के 24 घंटे बाद हुई. पहले सिख की हत्या एक नवंबर की सुबह 10 बजे हुई. त्रिलोकपुरी में सुबह दस बजे के बाद हिंसा भड़क उठी. उपद्रवियों ने लोहे की छड़ों, तलवार, मिट्टी के तेल और बंदूकों से लैस होकर सिखों के घरों पर हमला करना शुरू कर दिया. उपद्रवी पूरी तरह तैयार थे और इसका नेतृत्व कांग्रेस के प्रमुख नेता कर रहे थे. इनमें रामपाल सरोज (इलाके के कांग्रेस अध्यक्ष), डॉ. अशोक गुप्ता( एमसीडी में पार्षद) शामिल थे. स्पष्ट रूप से उस रात पूर्वी दिल्ली के कांग्रेस सांसद एचकेएल भगत ने अपने समर्थकों को सिखों से बदला लेने के लिए उकसाया और एकत्रित किया. जब उपद्रवियों ने सिखों के घरों पर हमला करना शुरू किया तो...
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Incomplete sir, there is no link for the later part of the article.
जवाब देंहटाएंMurtaza
sir link par complete article nahi hai
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