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शुक्रवार, 8 जनवरी 2010

आपके जनप्रतिनिधि ऐसे हैं

शशि शेखर
झारखंड राज्य के गठन के अभी महज़ नौ साल ही हुए हैं. इन नौ सालों में अब तक यहां छह सरकारें बदल गईं और सातवीं बन चुकी है. एक के बाद एक कई सरकारें बनने के बाद भी झारखंड और झारखंड के लोगों की तक़दीर नहीं बदल सकी. बेहतर सुविधाओं की कौन कहे, वहां के लोग तो अभी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं. अलबत्ता, झारखंड में एक निर्दलीय विधायक से मुख्यमंत्री बने मधु कोड़ा और उनके जैसे कई लोग हज़ारों करोड़ रुपये की संपत्ति कामालिक ज़रूर बन बैठे. आ़खिर खनिज संपदाओं से भरे इस छोटे राज्य की आम जनता की आर्थिक बदहाली की वजह क्या है? ज़ाहिर है, शर्बत में चीनी की तरह ही झारखंड की राजनीति में भ्रष्टाचारी और अपराधी कुछ इस तरह से घुल-मिल चुके हैं, जिन्हें अलग कर पाना नामुमकिन-सा हो गया है. बावजूद इसके, झारखंड चुनाव में इस बार भी भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं बन सका. पिछले चुनाव की तुलना में इस बार कहीं अधिक बाहुबली, दागी और धनबली चुनाव जीत कर, झारखंड विधान सभा की शोभा बढ़ाने आ पहुंचे हैं. अगले पांच सालों तक, अगर सब कुछ ठीक रहा तो, झारखंड की जनता पर शासन करने वाले इन विधायकों और मंत्रियों के बैंक बैलेंस में भी ज़बर्दस्त इजाफा होने से इंकार नहीं किया......

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