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शुक्रवार, 8 जनवरी 2010

रुचिका प्रकरणः अपराधी को देर से नाममात्र की सज़ा

रवि किशोर
रुचिका गिरहोत्रा के साथ अभद्रता, जिसे बाद में जिंदगी समाप्त करने को मजबूर होना पड़ा था, के मामले में हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एस पी एस राठौर को मिली छह माह के कारावास की सज़ा के बारे में बस यही कहा जा सकता है कि दोषी को एक शर्मनाक कृत्य के लिए जो सज़ा मिली है, वह देर से मिली है. दूसरी बात यह है कि उसकी सज़ा अपराध की दृष्टि से बिल्कुल कमतर है. ग़ौर करने वाली बात यह है कि मुजरिम हरियाणा राज्य में क़ानून को लागू करने वाली एजेंसी पुलिस का प्रमुख ओहदेदार रह चुका है. इस पूर्व पुलिस महानिदेशक को केवल छह माह क़ैद की सज़ा ही मिली, क्योंकि 150 साल से भी ज़्यादा पुरानी भारतीय दंड संहिता में कई ख़ामियां और कमियां हैं. वास्तव में भारतीय दंड संहिता में बच्चों के साथ अभद्रता को लेकर कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है. इस शर्मनाक घटना के बाद एक बार फिर से यह बात सामने आई कि किस तरह.......

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