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शुक्रवार, 8 जनवरी 2010

जन सुनवाई का सामना क्यों जरूरी?

आदियोग
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल नरसिंहन ने कभी नहीं चाहा कि केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम सात जनवरी की दंतेवाड़ा जन सुनवाई में हिस्सा लें. इस बात का गवाह है प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा गया उनका वह पत्र, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से यह कहा कि गृहमंत्री जैसे अति विशिष्ट शख्स के दौरे से माओवादियों के ख़िला़फ जारी अभियान में रुकावट पैदा होगी. उनकी इस सतर्कता की वजह शायद यह भी हो सकती है कि वह इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशालय से सीधे रायपुर राजभवन पहुंचे हैं और अभी तक उसी पुराने मिजाज़ में हैं. लेकिन ऐसा पहली बार देखा गया, जब किसी राज्यपाल ने केंद्रीय गृहमंत्री से राज्य का दौरा न करने को कहा हो. सनद रहे कि कोई दो माह पहले चिदंबरम खुद ही कह चुके थे कि वह जन सुनवाई में शामिल हो सकते हैं. दंतेवाड़ा में गांधीवादी कार्यकर्ता हिमांशु कुमार का उपवास गत 26 दिसंबर को शुरू हुआ था. उन्हें देश के विभिन्न जन संगठनों और अभियानों का समर्थन मिला. उपवास को आत्मावलोकन की प्रक्रिया बताते हुए उन्होंने कहा कि अब तक की उनकी कोशिशें आदिवासियों की मदद नहीं कर......

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