अनंत विजय
हाल के दिनों में भारतीय अंग्रेजी लेखकों की अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा हुई. चाहे वह काव्या विश्वनाथन पर दूसरे अंग्रेजी लेखकों के उपन्यास अंश उड़ाने पर उठा विवाद हो या किरण देसाई और अरविंद अडिगा का बुकर से सम्मानित होना. विक्रम चंद्रा के सेक्रेड गेम्स को भी विदेशों में ख़ासी लोकप्रियता मिली. पत्रकार सागरिका घोष की किताब ब्लाइंड फेथ को भी न केवल पाठकों ने पसंद किया, बल्कि आलोचकों ने भी कुंभ मेले को केंद्र में रखकर लिखी इस किताब को ख़ूब सराहा. इन सबके बीच युवा फिल्म निर्देशक राजश्री का पहला उपन्यास- ट्रस्ट मी (रूपा एंड कंंंं.)- भी पाठकों को ख़ूब भाया. अगर प्रकाशक की मानें तो राजश्री की इस किताब की चंद महीनों में पच्चीस हज़ार से ज्यादा प्रतियां बिक गईं.राजश्री मूलत: फिल्मकार हैं, जिसने पुणे के फिल्म संस्थान से निर्देशक का कोर्स करने के बाद बॉलीवुड में क़दम रखा. राजश्री द्वारा लिखी और निर्देशित पहली फिल्म द रैबेल को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. फिल्म राजश्री के लिए एक पैशन है. किताब पर लेखिका के परिचय में लिखा है कि वह बचपन से ही फिल्मों की दीवानी थी. शोले फिल्म की टिकट लेने के लिए वह पांच घंटे तक लाइन में खड़ी रही थीं. राजश्री का दो सौ पन्नों का यह उपन्यास एक रोमांटिक कॉमेडी है. यह उपन्यास बॉलीवुड और विज्ञापन की ग्लैमरस दुनिया का विश्वसनीय, समृद्ध और संवेदना का प्रमाणिक सा लगता चित्र उकेरती है. इस उपन्यास की मुख्य पात्र पार्वती है, जो अपनी और अपने मां के सपने के साथ महाराष्ट्र के एक शहर अमरावती से मुंबई पहुंचती है. पार्वती को एक विज्ञापन एजेंसी में नौकरी मिलती है, जहां वह एक कैमरामैन करण पर फिदा हो जाती है. इश्क़ इतना गहरा जाता है कि दोनों के बीच की सारी दीवारें टूट जाती हैं. करण और पार्वती की आशिक़ी पर तब ब्रेक लगता है, जब पता चलता है कि वह गर्भवती है. मारे ख़ुशी के पार्वती के पांव ज़मीन पर नहीं पड़ रहे होते हैं और वह हवा में उड़ती हुई अपने आशिक़ करण के पास पहुंचती है. उसकी बांहों में समा कर उसे यह ख़ुशख़बरी देती है. लेकिन करण न तो इस प्यार को लेकर गंभीर था और न ही उसके लिए इस रिश्ते की कोई भावनात्मक अहमियत थी. उसके लिए तो पार्वती एक नारी देह मात्र थी, जिसे वह भोग रहा था. इसलिए जब पार्वती ने उसे अपने गर्भवती होने की ख़ुशख़बरी दी तो उसने बहुत ही ठंढेपन से कहा कि-बच्चा गिरा दो. सन्न रह गई पार्वती ने लाख विरोध किया, डराया-धमकाया, आरजू-मिन्नतें कीं, लेकिन करण ने तो...
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