संजीव पांडेय
क्या पंजाब और हरियाणा भी अब नक्सलियों के निशाने पर है? यह सवाल हाल ही में हरियाणा में कुछ नक्सलियों की गिरफ़्तारी से पैदा हुआ है. गिरफ्तार नक्सिलयों ने जो खुलासे किए हैं, वे बेहद विस्फोटक हैं. वहीं पंजाब के मानसा जिले में शामलात ज़मीन पर एक वामपंथी संगठन के क़ब्ज़े के प्रयास ने राज्य पुलिस की नींद उड़ा दी है. इसके बाद कई लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई है. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कुछ वामपंथी संगठनों द्वारा दोनों राज्यों के कुछ चुनावी क्षेत्रों में चुनाव बहिष्कार की अपील के बाद मामला गंभीर होता नज़र आ रहा है.
हालांकि हरियाणा में हुई गिरफ़्तारी को कुछ संगठन पूरी तरह से ग़लत भी ठहरा रहे हैं. उनका मानना है कि राज्य पुलिस ने जानबूझ कर कुछ नौजवानों को नक्सली बताकर गिरफ़्तार किया है. उधर पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस ने चुनावी बहिष्कार से संबंधित पर्चे लगाए जाने की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी है. अगर उनकी रिपोर्ट पर ही भरोसा किया जाए तो राज्य में इस समय नक्सली विचारधारा वाले 30 संगठन सक्रिय हैं.हरियाणा पुलिस ने 20 अप्रैल से 5 जून 2009 के बीच राज्य में अलग-अलग जगहों पर कथित तौर पर 17 नक्सलियों को गिरफ़्तार किया है. इनमें हरियाणा माओवादी संगठन के इंचार्ज डॉ. प्रदीप कुमार भी हैं. पुलिस ने उनकेपास से देसी रिवाल्वर, 315 बोर के तीन पिस्टल और एक ग्रेनेड और चार डेटोनेटर की बरामदगी भी दिखाई है. पुलिस का दावा है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों केदौरान यमुनानगर के छछरौली क्षेत्र में चुनाव बहिष्कार के पोस्टर भी इन लोगों ने ही लगाए थे. उल्लेखनीय है कि गिरफ़्तार कुल 17 लोगों में से आठ को यमुनानगर पुलिस की स्पेशल टीम ने गिरफ़्तार किया है. पुलिस का दावा है कि इनमें से कुछ लोगों ने झारखंड जाकर प्रशिक्षण लिया है. ये सीधे तौर पर सीपीआई-एमएल से जुड़ कर काम कर रहे हैं.उधर कुछ संगठनों ने हरियाणा में हुई इस गिरफ़्तारी को ग़लत ठहराया है. पीयूडीआर और पीयूसीआर से जुड़े पंजाब एवं हरियाणा...

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