अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जैसे ही अ़फग़ानिस्तान में आतंकवाद के ख़िला़फ अपनी नई नीति की घोषणा की, वैसे ही दुनिया के सबसे ख़तरनाक देश पाकिस्तान में हालात और भी ख़राब हो गए. पाकिस्तानी सेना व विपक्ष के दबाव में आकर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आस़िफ अली ज़रदारी को देश की परमाणु कमान प्रधानमंत्री यूसु़फ रज़ा गिलानी को सौंपनी पड़ी. यह महज़ एक शुरुआत है. ज़रदारी ने यह क़दम भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते संभवत: महाभियोग से बचने के लिए उठाया है. इस क़दम से उन्होंने सेना को संतुष्ट करने की कोशिश की है, जो उन्हें कमज़ोर करने के लिए तैयार बैठी है.पिछले कुछ दिनों से कुछ राजनीतिक दल सेना के साथ मिलकर ज़रदारी को कमज़ोर करने की मुहिम चला रहे हैं. उनकी कोशिश ज़रदारी पर दबाव बनाकर उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर कर देने और उनकी जगह पर किसी कठपुतली को राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठा देने की है.
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