सुरेन्द्र अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार के लिए नया सिरदर्द पैदा कर दिया है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उन्होंने बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग की. बसपा यह मांग कई सालों से कर रही है. मार्च 2008 में मायावती ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सभी क्षेत्रों के समुचित विकास के लिए उत्तर प्रदेश को छोटे राज्यों में बांटने की बात कही थी. उन्होंने दोनों क्षेत्रों के लोगों से अपील की कि वे अलग राज्य बनाने की अपनी मांग केंद्र के समक्ष जोरदार तरीके से रखें. मायावती ने कहा कि यदि केंद्र बुंदेलखंड और
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने पर सहमत हो तो वह विधानसभा में इस आशय का प्रस्ताव लाने की कोशिश करें. उन्होंने तर्क दिया कि जनसंख्या और क्षेत्रफल के आधार पर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का प्रबंधन करने के लिए इसे बांटना ज़रूरी है.खंड-खंड नहीं, अखंड बुंदेलखंड चाहिए. जब तक हमें पूरा बुंदेलखंड नहीं मिलता है, हमारा संघर्ष जारी रहेगा. यह बात बुंदेलखंड मुक्ति

मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा बुंदेला ने चौथी दुनिया से कही. उन्होंने मायावती के बुंदेलखंड को लेने से इंकार करते हुए कहा कि हमें महाराजा छत्रसाल की सीमाओं वाला बुंदेलखंड चाहिए. 1948 में गृहमंत्री सरदार पटेल के साथ एक मसौदे पर बुंदेलखंड के 35 राजा-रजवाड़ों के साथ समझौता हुआ था....
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