संतोष भारतीय
अली अनवर जदयू के राज्यसभा सांसद हैं और पसमांदा मुसलमानों के नेता हैं. 24 नवंबर को उन्होंने राज्यसभा में चौथी दुनिया की प्रति लहराई और मांग की कि रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्ट संसद में पेश की जाए, क्योंकि यह रिपोर्ट इस अख़बार में छप गई है. उनका यह भी कहना था कि रंगनाथ मिश्र कमीशन की स़िफारिशों का भी उतना ही महत्व है, जितना लिब्रहान कमीशन की स़िफारिशों का, तब क्यों सरकार दोहरा मानदंड अपना रही है. उसने लिब्रहान कमीशन की रिपोर्ट पेश कर दी, पर रंगनाथ मिश्र कमीशन की रिपोर्ट पेश नहीं कर रही है. उनका समर्थन तारिक अनवर, अमर सिंह, कमाल अख्तर, एस एस अहलूवालिया, जयंती नटराजन, सीताराम येचुरी और डी राजा ने किया. इनकी इस मांग का, कि जब रिपोर्ट चौथी दुनिया में छप गई है तो उसे संसद में तत्काल पेश किया जाना चाहिए, का समर्थन एन के सिंह, वेंकैया नायडू, राजनीति प्रसाद और प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने भी किया. राज्यसभा दो बार स्थगित भी हुई पर इन सांसदों को, जो हर दल का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जवाब नहीं मिला. अली अनवर के मन में सवाल उठा कि उनका राज्यसभा का सदस्य रहना कितना सही है, क्योंकि जब वे और हर दल के सदस्य मिलकर भी सही बात नहीं मनवा सकते तो क्या वे अप्रासंगिक हो रहे हैं? उन्होंने अपनी व्यथा अपने साथियों से कही. उधर लिब्रहान रिपोर्ट को लेकर देश में बयानबाज़ी शुरू हो चुकी थी और देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशें तेज़ हो गई थीं.
कोई नहीं था जो कहता कि रंगनाथ मिश्र कमीशन बुनियादी समस्याओं के हल के सुझाव के लिए बना था, जबकि लिब्रहान कमीशन की पूरी रिपोर्ट पिछले सत्रह सालों में छपी अख़बारों की कतरनों का, कहें तो संग्रह भर है, जिसने देश में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ना शुरू कर दिया है. रंगनाथ कमीशन सफलतापूर्वक दबा दिया गया, तब फिर चौथी दुनिया को आगे आना पड़ा. चौथी दुनिया ने कहा कि रंगनाथ मिश्र कमीशन रिपोर्ट पेश न होना राज्यसभा का अपमान है. राज्यसभा के सदस्य चाहकर भी रिपोर्ट पेश न करा पाए तो उन्हें क्या कहा जाए. हालांकि 24 नवंबर को अली अनवर और सांसदों ने पूरी कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाए. यह रिपोर्ट 7 दिसंबर के अंक में छपी तो राज्यसभा के कुछ सांसदों को लगा कि वे इस बार फिर कोशिश कर सकते हैं. उन्होंने चौथी दुनिया के ख़िला़फ विशेषाधिकार का नोटिस दिया तथा कहा कि यह अख़बार हम लोगों को शक्तिहीन और निर्वीर्य लिख रहा है.
जैसे ही आठ दिसंबर को राज्यसभा शुरू हुई, अली अनवर, साबिर अली, अजीज़ पाशा और राजनीति प्रसाद ने शून्यकाल में ज़ोरदार ढंग से चौथी दुनिया के ख़िला़फ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया तथा कहा कि यह सरकार रिपोर्ट पेश न कर सभी सांसदों को.....
पूरी खबर के लिए पढ़िए चौथी दुनिया.....
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