रूबी अरुण नवंबर का आख़िरी हफ़्ता. समाजवादी पार्टी में चल रही अंदरूनी खींचतान के दरम्यान कयासों का दौर जारी था. फिरोजाबाद संसदीय चुनाव में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव की हार के बाद हुई बयानबाज़ियों ने पार्टी की नींव हिलने के संकेत देने शुरू कर दिए थे. गुज़िस्ता दिनों के साथ मुलायम सिंह और अमर सिंह के अलगाव की ख़बरें ज़ोर पकड़ने लगी थीं. पार्टी कार्यकर्ताओं तक में मुग़ालते के हालात थे. ख़बरनवीसों को किसी सनसनीखेज ख़बर का इंतज़ार था. तभी यह सूचना मिली कि सपा महासचिव अमर सिंह के आवास 27, लोधी स्टेट में एक प्रेस कांफ्रेंस की जा रही है. सभी अख़बार और चैनल वाले टूट पड़े. उन्हें लगा कि आज तो यानी 3 दिसंबर को अमर सिंह यह ऐलान कर ही देंगे कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं. पर जब सभी वहां पहुंचे तो नज़ारा चौंकाने वाला था. वहां तो अमर सिंह और मुलायम सिंह यादव अपने पुराने याराना वाले अंदाज़ में हंसते-बतियाते मिले. ख़ैर कांफ्रेंस शुरू हुई. बात लिब्रहान कमीशन की रिपोर्ट और मुसलमानों के हक़ ओ हक़ूक से शुरू हुई. अचानक मुलायम सिंह और अमर सिंह ने सामने टेबल पर पड़े कुछ अख़बारों को उठाया और उन्हें न्यूज़ चैनल के कैमरों के सामने कर दिया. वह अख़बार था चौथी दुनिया और ख़बर थी
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